एक समय की बात है, बीजापुर नामक देश के सुल्तान इस्माइल आदिलशाह को यह डर सताने लगा था कि राजा कृष्णदेव उस पर हमला करके उसके देश को जीत सकते हैं। सुल्तान ने कई जगह से सुन रखा था कि राजा कृष्णदेव ने अपने साहस और वीरता से कई देशों को जीतकर अपने राज्य में मिला लिया है।
इस बारे में सोचते-सोचते सुल्तान के दिमाग में यह ख्याल आया कि अगर उसे अपना देश बचाना है, तो राजा कृष्णदेव की हत्या करवानी होगी। सुल्तान यह काम तेनालीराम के एक करीबी दोस्त कनकराजू को सौंपता है और उसे भारी इनाम देने का लालच भी देता है।
इसके बाद कनकराजू राजा के हत्या की योजना बनाकर तेनालीराम से मिलने पहुंच जाता है। तेनालीराम लंबे समय बाद अपने दोस्त को देखकर खुश होता है और उसका अपने घर में अच्छे से स्वागत करता है। तेनालीराम अपने दोस्त कनकराजू की अच्छी तरह से सेवा करता है।
कुछ दिनों के बाद जब तेनालीराम किसी काम से घर से बाहर जाता है, तो कनकराजू राज कृष्णदेव के पास तेनालीराम के पास संदेश पहुंचाता है कि अगर आप इस वक्त मेरे घर आएंगे, तो मैं आपको अनोखी चीज दिखाऊंगा। ये चीज ऐसी है, जिसे आपने कभी नहीं देखा होगा। संदेश पढ़कर राजा तुरंत तेनालीराम के घर पहुंच जाते हैं। घर के अंदर जाते समय राज कृष्णदेव अपने साथ कोई हथियार नहीं लेकर जाते और सिपाहियों को भी बाहर ही रुकने का आदेश देते हैं। राजा के घर में घुसते ही कनकराजू उन पर छुरे से वार कर देता है, लेकिन राजा कृष्णदेव बड़ी ही चतुराई से कनकराजू के वार को रोक देते हैं और अपने सिपाहियों को आवाज लगाते हैं। राजा की आवाज सुनते ही अंगरक्षक वहां पहुंच जाते हैं और कनकराजू को पकड़ कर उसकी हत्या कर देते हैं।
राजा कृष्णदेव का कानून था कि राजा पर जानलेवा हमला करने वाले को जो आश्रय देता है, उसे मृत्युदंड की सजा सुनाई जाती है। इसलिए, तेनालीराम को भी मौत की सजा सुनाई जाती है। मृत्युदंड मिलने के बाद तेनालीराम राजा से माफी की गुहार लगाता है, लेकिन राजा कृष्णदेव कहते हैं, “तेनालीराम, मैं तुम्हारे लिए राज्य के नियम नहीं बदल सकता। तुमने उस व्यक्ति को अपने घर में रहने दिया, जिसने मुझे मरने की कोशिश की थी। इसलिए, मैं तुम्हें क्षमा तो नहीं कर सकता, लेकिन तुम्हें किस तरह की मृत्यु चाहिए, यह निर्णय मैं तुम पर छोड़ता हूं।” इतना सुनते ही तेनालीराम कहता है, “महाराज, मुझे बुढ़ापे की मौत चाहिए।” यह सुनकर सभी हैरान हो गए और राजा कृष्णदेव हंसते हुए कहते हैं, “तेनालीराम, तुम अपनी समझदारी से फिर बच गए।”
कहानी से सीख
चाहे जितनी बड़ी मुश्किल की घड़ी हो, लेकिन अगर समझदारी से काम लिया जाए, तो हर समस्या का हल निकल सकता है। तेनालीराम ने भी ऐसा ही किया। सामने मौत नजर आते हुए भी उसने दिमाग से काम लिया और अपनी जान बचाई।
Akbar Birbal Ki Kahani सब लोग एक जैसा सोचते हैं – MERIBAATE.IN
Read More
Mahtari Vandana Yojana का पैसा कब आएगा जानिए 1st क़िस्त की लिस्ट हुई जारी !
Read More
पीएम सूर्य घर Survey ऐप CSC VLE के लिए – AllHindiPro
Read More
PM सूर्य घर योजना का फॉर्म कैसे भरें @pmsuryaghar.gov.in – AllHindiPro
Read More
{Official Website} PM Surya ghar Muft Bijli Yojana – AllHindiPro
Read More
मोबाइल नंबर और आधार कार्ड से स्टेटस चेक करें, सभी सवालों के जवाब – AllHindiPro
Read More
महतारी वंदन योजना का पैसा कैसे चेक करें
Read More
महतारी वंदन योजना विभागीय लॉगिन
Read More
MP आवास योजना लिस्ट – AllHindiPro
Read More
Mahtari Vandana Yojana Last Date: जल्दी आवेदन करें
Read More