Hindi Story- सबसे बड़ी चीज (अकबर और बीरबल)

बीरबल अकबर का करीबी मंत्री था। अकबर के नव रत्नो मे भी सामिल था। जिस कारण से बाकी मंत्री बीरबल से चिढ़ते थे। जब कभी ऐसा होता की बीरबल किसी कारण से दरबार में ना रहते। उस वक्त उनसे चिढ़ने वाले उनके खिलाफ अकबर से बीरबल की खूब बुराई करते थे। हमेशा कि तरह एक रोज भी ऐसा हुआ बीरबल के दरबार मे ना होने के कारण सभी को उनकी बुराई करने का मौका मिल गया।

अकबर का साला भी बीरबल से चिढ़ाता था। क्योकि अकबर अपने साले से ज्यादा बीरबल पर भरोसा करते थे।अकबर के साले के भड़काने पर मंत्रियो को और बल प्राप्त हो गया। एक मंत्री ने कहा हुजूर आज फिर से बीरबल दरबार मे नहीं आए। जब भी किसी जरूरी मसले पर बात होती है बीरबल गायब ही रहते हैं। यह सब आप के कारण हैं, आप से उन्हे बहुत ज्यादा छूट दे रखी हैं। उसी का फायदा बीरबल उठाते हैं। जब कि हम लोग आप कि कोई भी बात पर तर्क नहीं करते हैं आप की कही हर बात को सर आंखो पर रखते हैं। लेकिन आप बीरबल के आगे हमे कुछ नहीं समझते।”

अकबर तो बीरबल को बहुत चाहता था। और चाहे भी क्यो ना उसकी हर समस्या को बीरबल चुटकी बजा कर हल कर देता था। बीरबल कि बुराई सुन कर अकबर को गुस्सा आ रहा था। उसने मन में सोचा मै अभी बताता हूँ, तुम सब को।

अकबर ने कहा आप सब कि सिकायत रहती हैं, कि मैं हर समस्या बीरबल को बताता हूँ तुम सब को नहीं। तो आज एक सवाल का जवाब आप सब दीजिए, जवाब सही होना चाहिए। अगर जवाब गलत हुआ तो समझ लेना कि आज तुम सब का आखिरी दिन हैं। अकबर कि इस तरह कि बात को सुनकर सभी डर गए।

उन सब में से एक ने डरते हुए बोला -”प्रश्न क्या है हुजूर?” अकबर ने कहा दुनिया में सबसे बड़ी चीज कौन सी है ? सही -सही जवाब देना वरना कल का सूरज तुम सब नहीं देखोगे।” उत्तर घूमा फिर कर नहीं देना हैं सटीक जवाब होना चाहिए। सभी आपस में खुसुर फुसुर करने लगे, फिर बोले हुजूर हमे थोड़ा सा वक्त चाहिए।

“ठीक है,एक हफ्ते का समय देता हूं।” अकबर ने कहा।

जितने भी बुराई कर रहे थे बीरबल कि, सभी दरबार से बाहर आकर सोच में पड़ कि आखिर सबसे बड़ी चीज क्या हैं ?

एक ने कहा -”मुझे लगता हैं अल्लाह सबसे बड़ा हैं ।”

“तब दूसरे ने कहा अल्लाह कोई चीज नहीं है। कुछ और सोचो।”

“भूख सबसे बड़ी चीज हैं, भूख इंसान से कुछ भी करवा सकती है।” तीसरा बोला ।

“नहीं…नहीं, भूख को सहा जा सकती है।”

“फिर क्या हो सकती है सबसे बड़ी चीज ?” छः दिन बीत गए लेकिन उन्हें कोई उत्तर नहीं सूझा। हार कर वे चारों बीरबल के पास पहुँचे और उसे पूरी घटना कह सुनाई, साथ ही हाथ जोड़कर विनती की कि प्रश्न का उत्तर बता दें।

बीरबल ने मुस्कराकर कहा-”मैं तुम्हारे प्रश्न का उत्तर दूंगा, लेकिन मेरी एक शर्त है।” “हमें आपकी हजार शर्तें मंजूर हैं।” चारों ने एक स्वर में कहा-”बस आप हमें इस प्रश्न का उत्तर बताकर हमारी जान बचा ले। बताइए आपकी क्या शर्त है ?” “तुम में से दो अपने कन्धों पर मेरी चारपाई रखकर दरबार तक ले चलोगे। एक मेरा हुक्का पकड़ेगा, एक मेरे जूते लेकर चलेगा।” बीरबल ने अपनी शर्त बताते हुए कहा।

यह सुनते ही वे चारों सन्नाटे में आ गए। उन्हें लगा मानो बीरबल ने उनके गाल पर कसकर तमाचा मार दिया हो। मगर वे कुछ नहीं बोले। अगर मौत का खौफ न होता तो वे बीरबल को मुंहतोड़ जवाब देते, मगर इस समय मजबूर थे, अतः तुरन्त राजी हो गए।

दो ने अपने कन्धों पर बीरबल की चारपाई उठाई, तीसरे ने उनका हुक्का और चौथा आदमी जूते लेकर चल दिया। रास्ते में लोग आश्चर्य से उन्हें देख रहे थे। दरबार में बादशाह ने भी यह मंजर देखा और वह मौजूद दरबारियों ने भी। कोई कुछ न समझ सका। तभी बीरबल बोले, ”महाराज, दुनिया में सबसे बड़ी चीज है-गरज। अपनी गरज से ये पालकी यहां तक उठाकर लाए हैं।” बादशाह मुस्कराकर रह गए। वे चारों सिर झुकाकर एक ओर खड़े हो गए।

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