सर्दी और गर्मी के बीच का मौसम बहुत ही सुहाना होता है। क्योकि ना तो ठंड लगती है, ना ही गर्मी।एक दिन अकबर ने कहा बीरबल मौसम बहुत ही अच्छा हैं। तो इसका मजा उठाया जाए कही घूमने चला जाय। बीरबल ने कहा क्यो नहीं हुजूर चलिए और दोनों अपने-अपने घोड़े पे सवार हो कर चल दिए।
हर तरफ फसले लहरा रही थी। चिड़ियो कौओ की आवाजे आ रही थी। यह कुदरत की सुन्दरता देख कर अकबर का मन बहुत खुश हो रहा था। हर तरफ की सुन्दरता को देख अकबर के मुह से निकल गया-“भाई अस्क पेदार शूमस्त (शूमा हस्त)”
इस शब्द से दो अर्थ निकलते थे; पहला अर्थ फारसी में था की “यह घोड़ा तुम्हारे बाप का है” और दूसरा अर्थ था “यह घोड़ा तुम्हारा बाप है”
बीरबल तो एक नंबर के जानकार थे उन्हे तुंरत ही समझ मे आ गया। बादशाह के शब्दो का मतलब। बीरबल भी कहा चुप रहते उन्होने उत्तर दिया, “दाद-ए-हुजूरस्त”
इस शब्द का अर्थ होता हैं। “यह हुजूर का दिया है”
बीरबल के इस जबाब के बाद अकबर चुप रहे। उनके पास शब्द ही नहीं था कुछ कहने को। इसे कहते हैं,जैसे को तैसा।